50 पैसे (अटन्नी) का 'इनामी ' अपराधी: हत्याकांड के गवाह को धमकाने वाला गिरफ्तार!*
BBC OF INDIA
नेशनल न्यूज़ नेटवर्क
```इंदौर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल, 50 पैसे का इनाम घोषित कर उड़ाया अपराधियों का मजाक!
Anam Ibrahim
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*इंदौर/मप्र:* इंदौर शहर में अपराध रोकने और अपराधियों पर अंकुश लगाने की बात करने वाली पुलिस ने एक बार फिर अपनी "प्रभावी" कार्यवाही का परिचय दिया। चर्चित अनिल दीक्षित हत्याकांड के गवाह को धमकाने वाले आरोपी सौरभ उर्फ बिट्टू गौड की गिरफ्तारी पर पुलिस ने 50 पैसे (अठन्नी) का इनाम रखा था। यह मामूली इनाम न केवल पुलिस के प्रयासों की गंभीरता पर सवाल खड़े करता है, बल्कि अपराधियों को हतोत्साहित करने के बजाय उनका उपहास बनाता है।
गौरतलब है कि आरोपी सौरभ गौड एक आदतन अपराधी है, जिसके खिलाफ गंभीर धाराओं में 11 मामले पहले से दर्ज हैं। आरोपी सोशल मीडिया पर विभिन्न गैंगों के साथ सक्रिय रहकर अपराध को बढ़ावा देता रहा है। बावजूद इसके, पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए 50 पैसे का इनाम घोषित किया।
*पुलिस की कार्यवाही पर सवाल:*
- क्या 50 पैसे का इनाम अपराधियों को डराने के लिए पर्याप्त है, या यह एक औपचारिकता मात्र है?
- क्या यह राशि इंदौर पुलिस की अपराध नियंत्रण की प्राथमिकताओं को दर्शाती है?
- ऐसे गंभीर मामलों में इतनी मामूली घोषणा से पुलिस की गंभीरता पर संदेह पैदा होता है।
पुलिस का कहना है कि आगे आरोपी से जुड़े अन्य गैंग सदस्यों पर कार्रवाई की जाएगी और उनकी "हैसियत" के अनुसार उचित इनाम घोषित किया जाएगा। हालांकि, वर्तमान स्थिति को देखते हुए, यह कथन भी महज एक औपचारिकता लग रहा है।
*सार्वजनिक प्रतिक्रिया:*
इंदौर की जनता और स्थानीय विशेषज्ञों ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि पुलिस का यह रवैया अपराधियों को बढ़ावा दे सकता है। जनता ने सवाल उठाया है कि क्या 50 पैसे की घोषणा अपराधियों को हतोत्साहित करने में सफल होगी, या यह पुलिस की कार्रवाई को मात्र एक औपचारिकता में बदल देगी।
*निष्कर्ष:*
इंदौर पुलिस को अपने इनाम और अपराध नियंत्रण नीति पर दोबारा विचार करने की जरूरत है। 50 पैसे का यह इनाम न केवल पुलिस की छवि को कमजोर करता है, बल्कि यह दर्शाता है कि अपराधियों पर अंकुश लगाने की प्रतिबद्धता कितनी कमजोर है।